रात की गहराई आँखों में उतर आई, कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई, ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के, कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई|
Read More »वफ़ा होती तो
तुम बेवफा होकर भी कितने अच्छे लगते हो, खुदा जाने तुम में वफा होती तो क्या होता? किसी ने कहा मोहब्बत हार गयी, हम तो बेवफ़ाई का ज़हर पी कर भी वफ़ा-ऐ-मोह्हबत ज़िंदा रखते है।
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